बीजेपी में बड़ा बदलाव

बीजेपी में बड़ा बदलाव

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए यूपी संगठन में बड़े पैमाने पर बदलाव कर दिया है। दरअसल पार्टी नई टीम के जरिए लोकसभा चुनाव जीतने की योजना पर काम कर रही है। बीजेपी ने प्रदेश में जिला और महानगर अध्यक्षों  की नई टीम का ऐलान कर दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने अपनी टीम में 69 नए चेहरों को जगह दी है। सिर्फ 29 जिला या महानगर अध्यक्ष ऐसे हैं,जो पुराने हैं।

हालांकि चुनाव को देखते हुए पार्टी ने क्षेत्रीय समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखा है। साथ ही सभी वर्गों  को भी साधने का प्रयास किया है। जिलों के संगठन की नई सूची में भाजपा ने सबसे ज्यादा भरोसा पिछड़ों पर जताया है तो अगड़ी जातियों पर भी संगठन का भार डाला है और भरोसा जताया है।

भाजपा ने जिलाध्यक्षों की लिस्ट में 36 ओबीसी और पांच दलित चेहरों पर दांव लगाया है यानी बीजेपी ने  पिछड़ों पर सबसे ज्यादा भरोसा दिखाया है। इसके साथ ही 21 ब्राह्मण, 20 क्षत्रिय, 5 कायस्थ, तीन भूमिहार को भी जिलों में पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी है। नई टीम की घोषणा में हर जिले में जातीय समीकरणों का खास ख्याल रखा गया है। यही वजह है कि ज्यादातर जिलों में उस जाति के अध्यक्ष को अहमियत दी गई है, जिस जाति को जिले की संसदीय सीट से टिकट न देना पड़े।

यह कवायद इसलिए भी की गई है ताकि बैलेंस बना रहे। इसके साथ ही जिलों और महानगरों में उन अध्यक्षों को बदला गया जिनका तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इनके अलावा जो अध्यक्ष एमएलसी बनाए जा चुके हैं, उनमें से भी कुछ को बदला गया है। इसके साथ ही निकाय चुनाव और हाल के कई चुनावों में खराब परफार्मेंस देने वाले अध्यक्षों को भी हटा दिया गया है।

भाजपा ने इस बार 4 महिलाओं पर भी भरोसा जताया है और उन्हें जिलों की जिम्मेदारी सौंपी है।
इनमें प्रयागराज गंगापार में कविता पटेल को, शाहजहांपुर महानगर में शिल्पी गुप्ता को, मऊ में नुपूर अग्रवाल को और जालौन में उर्विजा दीक्षित को जिलाध्यक्ष बनाया गया है।

पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी और सीएम योगी आदित्यनाथ 05 का क्षेत्र गोरखपुर, दोनों ही स्थानों पर मौजूदा जिलाध्यक्षों को नहीं बदला गया है। दोनों ही जिलों के जिला और महानगर अध्यक्षों दोबारा से मौका दिया गया है। इनके अलावा आगरा में जिला व महानगर अध्यक्षों को दोबारा मौका दिया गया है। प्रदेश के कुल 98 संगठनात्मक जिलों में से 29 जिलाध्यक्षों को रिपीट किया गया है।

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