अयोध्या में सुरक्षा को मजबूती दे रहा एआई

अयोध्या में सुरक्षा को मजबूती दे रहा एआई

अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन की सुरक्षा व्यवस्था में यूपी पुलिस ले रही है स्टैक्यू के एआई की सहायता

 

  • स्टैक्यू की जार्विस टेक्नोलॉजी को कनक भवन, हनुमान गढ़ी, श्री नागेश्वर नाथ मंदिर, राम की पैड़ी, राम जन्मभूमि समेत प्रमुख स्थानों पर इंस्टॉल किया गया है
  • स्टैक्यू का जार्विस फेशियल रिकॉग्निशन, नंबरप्लेट रिकॉग्निशन आदि के माध्यम से कार्यक्रम के दौरान संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेगा
  • इस तरह के कार्यक्रम के लिए एआई-इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सर्विस देने वाली पहली कंपनियों में शुमार है स्टैक्यू

अयोध्या, 20 जनवरी, 2024: अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी, 2024 को होने जा रहा है। यह एक ऐतिहासिक क्षण है और इसीलिए इस दौरान सिक्योरिटी सर्विस को भी प्राथमिकता पर रखा गया है। कार्यक्रम के दौरान मौजूदा सीसीटीवी के साथ एआई-इंटीग्रेटेड सर्विलांस के लिए टेक्नोलॉजी को अपग्रेड किया गया है। भारत में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) आधारित सेवाएं प्रदान करने वाली अग्रणी कंपनी स्टैक्यू टेक्नोलॉजीजयूपी पुलिस के साथ मिलकर अपने जार्विस प्लेटफॉर्म के माध्यम से अयोध्या एवं आसपास के प्रसिद्ध स्थलों पर सिक्योरिटी सर्विस देने वाली कंपनियों में शामिल हुई है। जार्विस कंपनी का ऑडियो एवं वीडियो एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर एवं मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म है।

कार्यक्रम को लेकर स्टैक्यू टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक एवं चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर श्री अतुल राय ने कहा, ‘अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन हमारे देश के लिए ऐतिहासिक क्षण है और इस अवसर पर मजबूत सिक्योरिटी फ्रेमवर्क के साथ सर्विस प्रदान करना हमारे लिए सौभाग्य और सम्मान की बात है। स्टैक्यू का एआई-पावर्ड जार्विस प्लेटफॉर्म कार्यक्रम के दौरान खतरों और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेगा और वहां पहले से ही इंस्टॉल किए गए कैमरा की मदद से अधिकारयों को रियल-टाइम अलर्ट देगा। कार्यक्रम के दौरान अनुमानित भीड़ और पधार रही बड़ी हस्तियों को देखते हुए अत्याधुनिक सिक्योरिटी सर्विस महत्वपूर्ण है और हमारे लिए गर्व की बात है कि इस तरह की सेवाएं प्रदान करने में हम अग्रणी हैं।’

 

अहम बिंदु:

 

  1. क्रिमिनल डाटाबेस यूटिलाइजेशन: उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर तैयार किए गए त्रिनेत्र के 8,00,000 क्रिमिनल डाटाबेस का लाभ लेते हुए स्टैक्यू विभिन्न क्षेत्रों में सिक्योरिटी को बेहतर बनाएगी। यह डाटाबेस 99.7 प्रतिशत की एक्यूरेसी के साथ रजिस्टर्ड क्रिमिनल्स में से संदिग्ध चेहरों की पहचान में मदद करेगा।
  2. रिवर्स फेशियल रिकॉग्निशन: फोटोग्राफ आदि के माध्यम से रियल टाइम आइडेंटिफिकेशन से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। जार्विस का फीचर किसी की फोटो का प्रयोग करके लाइव कैमरा पर रियल टाइम में पर्सन ऑफ इंटरेस्ट (पीओआई) यानी संबंधित व्यक्ति को खोज सकेगा।
  3. बेहतर एएनपीआर क्षमता: एडवांस्ड ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) से लैस कैमरा की मदद से सरकार के व्हीकल रजिस्ट्रेशन डाटाबेस तक पहुंच सुनिश्चित होगी। इसके माध्यम से चोरी हुए वाहनों के डाटाबेस तक भी पहुंच मिल सकेगी। इसकी मदद से फर्जी नंबर प्लेट वाले वाहनों की रियल टाइम में पहचान की जा सकेगी।
  4. एट्रिब्यूट-बेस्ड सर्च: स्टैक्यू का जार्विस प्लेटफॉर्म सर्विलांस कैमरा को एट्रीब्यूट-बेस्ड सर्च में सक्षम बनाएगा, जिससे कपड़े, रंग, एक्सेसरीज या साथ चल रहे बच्चों आदि के आधार पर भीड़ में किसी व्यक्ति को पहचानना संभव होगा।
  5. फुटफॉल एनालिसिस और वॉयलेंस डिटेक्शन:7 प्रतिशत की एक्यूरेसी के साथ यह साफ्टवेयर फुटफॉल एनालिसिस करने और किसी भी तरह की हिंसा की घटना का पता लगाने में सक्षम है।

भारत में क्रिमिनल रिकॉर्ड को डिजिटल करने के मामले में अग्रणी कंपनी स्टैक्यू ने उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग (स्पेशल टास्क फोर्स) समेत नौ राज्यों के विभागों के साथ गठजोड़ किया है और उन्हें एआई-इनेबल्ड इनसाइट्स आधारित एनालिटिक्स प्रदान करती है। कंपनी का त्रिनेत्र टूल आपराधिक गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए फेशियल रिकॉग्निशन के साथ ऑडियो क्यूज को मिलाकर काम करता है।

अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन के दौरान एआई-आधारित सिक्योरिटी सर्विसेज की व्यवस्था स्टैक्यू टेक्नोलॉजीज की नवीनतम पहल का उदाहरण है, जो अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से सुरक्षा को उन्नत बनाने की कंपनी की प्रतिबद्धता को दिखाता है।

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