अनिद्रा: आधुनिक समय की गंभीर समस्या,
मेलाटोनिन सबलिंगुअल स्प्रे से दिख रही उम्मीद की किरण
तेजी से भागती आधुनिक जीवनशैली, तनाव, बहुत ज्यादा स्क्रीन टाइम और अनियमित दिनचर्या ने मिलकर ‘अनिद्रा की महामारी’ को बहुत तेजी से बढ़ाया है। इससे मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से गंभीर दुष्प्रभाव पड़ता है। नींद पूरी न हो पाना इस समय सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्या बन गई है। हालांकि आर्थिक व सामाजिक रूप से बड़े प्रभाव के बावजूद इसकी अक्सर अनदेखी कर दी जाती है।
केंद्र सरकार ने 2017 में भारत की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में संशोधन किया था। पिछली नीति 2002 में जारी की गई थी और करीब 15 साल बाद इसे अपडेट किया गया। इस संशोधन का उद्देश्य बिना किसी अतिरिक्त वित्तीय दबाव के सभी नागरिकों के लिए अधिकतम स्वास्थ्य एवं कल्याण सुनिश्चित करना है। इस पॉलिसी में कुछ चुनिंदा प्राथमिक स्वास्थ्य समस्याओं से आगे बढ़ते हुए व्यापक स्वास्थ्य सेवा की ओर कदम बढ़ाया गया है। इसमें गैर-संक्रामक बीमारियों, मानसिक स्वास्थ्य, मोटापा, पैलिएटिव केयर और रीहैबिलिटेटिव सर्विसेज जैसी स्वास्थ्य संबंधी बड़ी चिंताओं को शामिल किया गया है। हालांकि इस बदलाव के बाद भी इसमें एक समस्या की अनदेखी कर दी गई है और वह है नींद की कमी, अनिद्रा या अनियमितता के कारण राष्ट्र के स्वास्थ्य पर पड़ने वाला दुष्प्रभाव।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, करीब 30 प्रतिशत वैश्विक आबादी अनिद्रा की शिकार है। भारत में एक हालिया अध्ययन में सामने आया कि यहां 33 प्रतिशत वयस्क इस समस्या से जूझ रहे हैं, जिससे लोगों के भावनात्मक दबाव में जाने की आशंका बढ़ी है और उनमें मोटापा एवं कोरोनरी हार्ट डिसीज का खतरा बढ़ गया है।
नींद की पूरी प्रक्रिया के केंद्र में रहता है मेलाटोनिन हार्मोन। यह शरीर में प्राकृतिक रूप से बनता है और आरामदायक नींद एवं संपूर्ण स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाता है। शरीर में सोने-जागने के साइकिल यानी सिर्केडियन रिदम को नियमित करने में मेलाटोनिन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह शरीर को रिलैक्स करते हुए और अलर्टनेस को कम करते हुए अच्छी नींद के लिए तैयार करता है। डाइटरी सप्लीमेंट्स जैसे टेबलेट, गमीज या स्प्रे के रूप में अपनी दिनचर्या में मेलाटोनिन को शामिल करना नींद को नियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
इस दिशा में वेस्टीज प्राइम एब्जॉर्विट मेलाटोनिन सबलिंगुअल स्प्रे एक क्रांतिकारी उत्पाद के रूप में सामने आया है। इस प्रोडक्ट से नींद की अनियमितता से जूझ रहे लोगों को सुविधाजनक एवं इनोवेटिव समाधान मिला है। इस सबलिंगुअल स्प्रे को जीभ के नीचे स्प्रे किया जाता है, जिससे मेलाटोनिन सीधे हमारे खून में पहुंच जाता है। जीभ के नीचे स्प्रे करने से यह तेजी से घुलता है और हमारे टिश्यू द्वारा जल्दी एब्जॉर्ब कर लिया जाता है। प्राकृतिक तरीके से नींद में मदद पहुंचाने के लिए तैयार किए गए इस स्प्रे का एब्जॉर्प्शन रेट 90 प्रतिशत है और इससे तुरंत परिणाम मिलता है। इससे अगली सुबह व्यक्ति तरोताजा होकर जागता है। यह स्लीप सप्लीमेंट ऐसे लोगों के लिए आदर्श है जो अपनी नींद को नियमित करने के लिए कोई नॉन-एडिक्टिव सॉल्यूशन चाहते हैं।
सोने-जागने के साइकिल के साथ काम करते हुए मेलाटोनिन न केवल नींद की क्वालिटी को सुधारता है, बल्कि स्वास्थ्य को बेहतर करने में भी मदद करता है, क्योंकि अच्छी नींद हमारे इम्यून फंक्शन, मेंटल क्लैरिटी और इमोशनल वेल-बीइंग के लिए जरूरी है। हालिया शोध में इसकी एंटीऑक्सीडेंट खूबी भी सामने आई है, जिससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से निपटने और सेल्युलर हेल्थ को बेहतर करने में मदद मिलती है। यह मूड अच्छा करनेऔर एंजाइटी के लक्षणों को कम करने में भी भूमिका निभाता है। इससे संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर होता है। इस तरह के प्रोडक्ट को दिनचर्या में शामिल करते हुए कोई भी व्यक्ति अच्छी नींद और बेहतर स्वास्थ्य की ओर कदम बढ़ा सकता है।
नींद से जुड़े विशेषज्ञ सबलिंगुअल स्प्रे को एक गेम-चेंजर मानते हैं, क्योंकि टेबलेट या कैप्सूल की तुलना में इनसे तुरंत प्रभाव पड़ता है। टेबलेट या कैप्सूल को असर दिखाने में करीब एक घंटे तक का समय लग जाता है। अनिद्रा दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित कर रही है और ऐसे में सबलिंगुअल स्प्रे जैसे इनोवेशन से सुकूनभरी रात बिताने की उम्मीद बढ़ी है। सोने से ठीक पहले स्क्रीन टाइम कम रखने, सोने का नियमित समय रखने और सोने से पहले की दिनचर्या शांतिपूर्ण रखने जैसी अच्छी आदतों के साथ इस तरह के सबलिंगुअल स्प्रे अच्छी नींद में बहुत सहायक हो सकते हैं।
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