मेटा ने भारत में इंस्टाग्राम पर किशोरों की सुरक्षा के लिए नए फीचर्स लॉन्च किए, टीन सेफ्टी फोरम में किया ऐलान
नई दिल्ली, 11 अप्रैल 2025: मेटा ने भारत में किशोरों (टीन्स) की डिजिटल सुरक्षा को और मजबूत करते हुए इंस्टाग्राम पर टीन अकाउंट्स के लिए नए सुरक्षा फीचर्स की घोषणा की है। कंपनी ने बताया कि जल्द ही ये उन्नत फीचर्स फेसबुक और मैसेंजर पर भी लागू होंगे।
नई पहल के तहत अब 16 वर्ष से कम उम्र के यूज़र्स पैरेंट्स की अनुमति के बिना इंस्टाग्राम पर लाइव नहीं जा सकेंगे, और वे डायरेक्ट मैसेज में आपत्तिजनक इमेज को ब्लॉक करने वाले फिल्टर को भी बंद नहीं कर पाएंगे।
इस मौके पर मेटा ने दिल्ली में ‘टीन सेफ्टी फोरम’ का आयोजन किया, जिसमें लेखिका एवं ट्वीक इंडिया की संस्थापक ट्विंकल खन्ना और इंस्टाग्राम की ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर टारा हॉपकिंस ने भाग लिया। कार्यक्रम में सुरक्षा विशेषज्ञों, शिक्षकों और अभिभावकों की उपस्थिति रही।
सितंबर 2024 में शुरू हुए इंस्टाग्राम टीन अकाउंट्स को दुनियाभर में 5.4 करोड़ से अधिक किशोर उपयोग कर रहे हैं। ये अकाउंट्स खासतौर पर कम उम्र के यूज़र्स के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिनमें सुरक्षा से जुड़े फीचर्स डिफॉल्ट रूप से सक्रिय रहते हैं और पैरेंट्स को निगरानी के लिए आवश्यक टूल्स दिए जाते हैं।
भारत में ये अकाउंट्स अब लाइव हो चुके हैं, और वर्ष के अंत तक फेसबुक व मैसेंजर पर भी इन्हें लागू करने की योजना है।
इंस्टाग्राम की ग्लोबल डायरेक्टर, पब्लिक पॉलिसी टारा हॉपकिंस ने कहा, “युवाओं को एक सुरक्षित और उम्रानुकूल डिजिटल अनुभव मिलना चाहिए। इंस्टाग्राम टीन अकाउंट्स का उद्देश्य सेल्फ-एक्सप्रेशन और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना है। हमें गर्व है कि 13 से 15 वर्ष की उम्र के 97% यूज़र्स अब भी इन सुरक्षा सेटिंग्स में बने हुए हैं। भारत जैसी युवा आबादी और क्रिएटिव कम्युनिटी वाले देश में हम लगातार पैरेंट्स और टीन यूज़र्स की ज़रूरतों को सुनते रहेंगे।”
ट्विंकल खन्ना, लेखक और अभिभावक ने कहा, “सोशल मीडिया एक सशक्त माध्यम है, लेकिन यह किशोरों के लिए चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। ये नए फीचर्स बच्चों को अपनी डिजिटल यात्रा को खुद नियंत्रित करने की स्वतंत्रता देंगे, जबकि अभिभावक उनकी सुरक्षा पर निगरानी रख सकेंगे।”
भारत में किशोरों की ऑनलाइन सुरक्षा को और मजबूत किया गया
- उन्नत मैसेजिंग नियंत्रण: अब कोई अजनबी व्यक्ति किशोरों को तब तक मैसेज नहीं भेज पाएगा, जब तक कि किशोर स्वयं ऐसे व्यक्तियों के मैसेज रिक्वेस्ट स्वीकार करने की अनुमति न दें।
● रियल-टाइम अलर्ट: यदि कोई व्यक्ति बार-बार या संदेहास्पद तरीके से संपर्क करने की कोशिश करता है, तो किशोरों को तुरंत सतर्क करने के लिए नोटिफिकेशन मिलेगा।
● अभिभावकीय निगरानी उपकरण: माता-पिता और अभिभावक अब यह जान सकेंगे कि उनका किशोर मैसेंजर का कैसे उपयोग कर रहा है, और वे इन सेटिंग्स को अपने पारिवारिक आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित भी कर सकेंगे।
मेटा 2024 से “Talking Digital Suraksha for Teens” जैसे अभियानों के ज़रिए 6 शहरों में पैरेंट्स और युवाओं को डिजिटल सुरक्षा टूल्स की जानकारी दे रहा है। मेटा के प्लेटफॉर्म्स पर 50 से अधिक सेफ्टी फीचर्स मौजूद हैं, जिन्हें अब व्यापक रूप से प्रचारित किया जा रहा है।
