बोईंग ने P-8I के लिए आत्मनिर्भर भारत के भविष्य की रूपरेखा तैयार की
• भारतीय नौसेना के P-8I के बेड़े ने 40,000 से अधिक फ्लाइट घंटे के साथ असाधारण मिशन तत्परता कायम रखी
• बोईंग ने वर्ष 2032 तक संभावित 3.2 बिलियन डॉलर के आर्थिक प्रभाव का अनुमान लगाया
नई दिल्ली, 22 सितम्बर, 2023 – बोईंग (NYSE: BA) ने आज अपने P-8I समुद्री चौकसी विमान (मैरीटाइम सर्विलांस एयरक्राफ्ट) के उत्पादन और इसे बरकरार रखने में हासिल किए गए पर्याप्त स्वदेशीकरण पर जोर दिया है। कंपनी ने इस प्लेटफॉर्म के लिए अपने नजरिये के बारे में भी मीडिया को जानकारी दी। इतना ही नहीं, कंपनी ने अपनी आत्मनिर्भर भारत रणनीति के तहत निवेश और आर्थिक प्रभाव को बढ़ाने की योजना के बारे में भी बताया।बारह P-8I पहले से ही हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय नौसेना की टोही और चौकसी सम्बन्धी ज़रूरतों के काम आ रहे हैं।
बोईंग भारतीय नौसेना की सेवा में मौजूदा P-8I विमान बेड़े को सपोर्ट करने के लिए पहले ही 1.7 बिलियन डॉलर का पर्याप्त आर्थिक प्रभाव उत्पन्न कर चुकी है। इसके अलावा, बोईंग की परिकल्पना है कि P-8I बेड़े को बढ़ाकर 18 विमान तक करने से लगभग 1.5 बिलियन डॉलर का निवेश बढ़ेगा। साथ ही, वर्ष 2032 तक भारत के विमानन क्षेत्र और रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण के नए अवसर पैदा होंगे।
बोईंग इंडिया के प्रेसिडेंट, सलिल गुप्ते ने कहा कि, “आत्मनिर्भर भारत के विजन को आगे ले जाने के प्रति बोईंग की वचनबद्धता P-8I बेड़े के लिए हमारा समर्पण बढ़ाती है। वैसे तो हम ज्यादा P-8I विमानों के लिए भारतीय नौसेना की ज़रूरत पर काम कर रहे हैं, पर हमें भारत में, भारत के लिए और दुनिया के लिए इंजीनियरिंग, उत्पादन, तथा स्थायी क्षमताओं में बढ़ोतरी करने की उम्मीद है। इससे भारत के साथ ही दुनिया भर के, दोनों ग्राहकों को फायदा होगा।”
2013 में शामिल किये जाने के बाद से, 737 के नेक्स्ट जनरेशन प्लैटफॉर्म पर आधारित P-8I विमान भारतीय नौसेना के बेड़े का अभिन्न हिस्सा बन गया है, और उच्च मिशन तत्परता दर के साथ 40,000 फ्लाइट घंटा पार कर चुका है। बोईंग ने आईएनएस रजाली में अशोक रॉय ट्रेनिंग सिम्युलेटर कॉम्प्लेक्स स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। साथ ही इसी साल अप्रैल में उद्घाटित, कोच्चि ट्रेनिंग कॉम्प्लेक्स की स्थापना में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका थी, जिसमें P-8I एयरक्रू और तकनीकी टीम के प्रशिक्षण के लिए अत्याधुनिक सिम्युलेटर की व्यवस्था है। यह जमीन-आधारित प्रशिक्षण भारतीय नौसेना के लिए विमान में प्रशिक्षण अवधि को कम करता है, मिशन की दक्षता और विमान की उपलब्धता बढ़ाता है।
डैन गिलियन, वाइस प्रेसिडेंट और जनरल मैनेजर, मोबिलिटी, चौकसी और बॉम्बर्स, बोईंग डिफेंस, स्पेस और सिक्यूरिटी ने कहा कि, “हम P-8 द्वारा एक प्रमाणित मल्टी-मिशन विमान के रूप में प्रदत्त असाधारण क्षमता पर भारतीय नौसेना के साथ सहयोग करने के साथ ही भारत और हिन्द-प्रशांत के लिए इंटरऑपरेबिलिटी एवं सामुद्रिक सुरक्षा संबंधी अपेक्षाओं को बेहतर बनाने पर गर्व महसूस कर रहे हैं। बोईंग भारत में अपना P-8सप्लायर नेटवर्क का विस्तार करने के लिए भी वचनबद्ध है, जिसमें अभी 15 सार्वजनिक और निजी सूक्ष्म, लघु और मँझोले उपक्रम शामिल हैं। ये सभी बोईंग की वैश्विक सप्लाई चेन का हिस्सा हैं और पी-8 के लिए महत्वपूर्ण पार्ट्स, कंपोनेंट्स, तथा सेवायें प्रदान कर रहे हैं।”
P-8 विमानों का बेड़ा विश्व स्तर पर प्रमाणित है, जिसमें 160 से अधिक विमान सेवा में है। पूरे विश्व में इनकी संचित दुर्घटना रहित फ्लाइट 5,00,000 घंटे से अधिक की है। इनमें यूनाइटेड स्टेट्स, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, नॉर्वे, साउथ कोरिया, और जर्मनी जैसे मित्र देश शामिल हैं।