सीएनजी कारें 2030 तक भारतीय ऑटोमोटिव बाजार में 25% हिस्सेदारी प्राप्त करने के लिए तैयार: ईवी की क्रांति के बीच टाटा मोटर्स का रणनीतिक कदम
मुंबई, 2023- ऑटोमोबाइल बनाने वाली भारत की अग्रणी कंपनी टाटा मोटर्स ने सीएनजी वाहनों को ज्यादा वांछनीय और व्यावहारिक बनाकर एक साहसिक कदम उठाया है। अपनी ट्विन-सिलेंडर टेक्नोलॉजी के साथ, टाटा मोटर्स ने सुनिश्चित किया है कि सीएनजी से पावर्ड वाहनों को हल्के में न लिया जाए। यह रणनीतिक कदम स्थायित्व के लिये टाटा मोटर्स की प्रतिबद्धता दिखाता है और साथ ही देश में सीएनजी वाहनों की तेजी से बढ़ रही लोकप्रियता पर इसकी समझ को जाहिर करता है।
पिछले तीन से चार वर्षों में सीएनजी कारों को उल्लेखनीय आकर्षण मिला है, खासकर पर्सनल व्हीकल सेगमेंट में। इसके दो महत्वपूर्ण कारक हैं- तरह-तरह के मॉडल्स की पेशकश और विस्तार कर रहा बुनियादी ढांचा। भारतीय बाजार में अब सीएनजी के मॉडलों की एक विविधतापूर्ण श्रृंखला है, अलग-अलग बॉडी टाइप्स और कीमतों में लगभग 17-18 वैरिएंट्स हैं, जिनकी पेशकश ओरिजिनल इक्विपमेंट के कई उत्पादक (ओईएम) कर रहे हैं। पेट्रोल वाले वाहनों की तुलना में भी कीमत बहुत अलग है, जिससे कि सीएनजी वाहनों के मालिकों के लिये परिचालन का खर्च लगातार कम होता है। देशभर में सीएनजी की रिफ्यूलिंग के स्टेशंस बढ़ने से स्थिति में बदलाव हुआ है। तीन साल पहले लगभग 1,500 स्टेशंस थे, जिनकी संख्या अब करीब 5500 पहुंच गई है। हरियाणा, दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने उल्लेखनीय ढंग से सीएनजी वाहनों को अपनाया है और वहाँ के बाजारों में ऐसे वाहनों की पहुँच बढ़ी है।
इन दो कारकों ने सीएनजी सेगमेंट की शानदार तरक्की में योगदान दिया है और तीन वर्षों में कम्पाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) को 35% पर पहुँचाया है, जबकि सालाना वृद्धि दर 52% हो चुकी है। पिछले साल में ही बाजार में 4 लाख सीएनजी कारों की बिक्री हुई, जिनमें से टाटा मोटर्स की लगभग 50,000 कारें थीं।
टाटा मोटर्स ने मल्टी-पावरट्रेन स्ट्रेटजी अपनाई है और उत्सर्जन के कठोर मानकों तथा सीएएफई के नियमों का पालन किया है। कंपनी अपने टिगोर और टियागो मॉडल्स के लिये सीएनजी विकल्प पेश भी कर चुकी है, जिनकी अपने-अपने फैमिलीज़ में कुल मिलाकर लगभग 40% हिस्सेदारी है। ऑल्ट्रोज़ आईसीएनजी की पेशकश प्रीमियम हैचबैक सेगमेंट में एक कमी को पूरा करती है। यह पेशकश गुणवत्ता से समझौता न करने के लिये टाटा मोटर्स की प्रतिबद्धता का सबूत है, इसमें ज्यादा बूट स्पेस के लिये ट्विन-सिलेंडर टेक्नोलॉजी, और सनरूफ तथा वायरलेस चार्जर जैसे आकांक्षी फीचर्स भी हैं।
भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग में सीएनजी की मौजूदगी अभी 15% है, लेकिन उद्योग विशेषज्ञ इन वाहनों की पर्यावरण हितैषी प्रकृति की बदौलत इस दशक के अंत तक इसके 20-25% तक पहुंचने का अनुमान लगा रहे हैं। सभी ओईएम पर सीएएफई नियमों का पालन करने का दबाव है, जिससे कि सीएनजी को अपनाये जाने में बढ़ोतरी होगी।
टाटा मोटर्स की मल्टी-पावरट्रेन स्ट्रेटजी, सीएनजी के विविधतापूर्ण मॉडल्स की उपलब्धता और सीएनजी फिलिंग स्टेशंस के बढ़ रहे नेटवर्क ने सीएनजी सेगमेंट की तरक्की में योगदान दिया है। अभी लगभग 52,000 सीएनजी वाहन हर महीने बिक रहे हैं और निजी कार खरीदने वालों का इस बिक्री में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
टाटा मोटर्स अभिनव, पर्यावरण-हितैषी और आकांक्षी वाहन प्रदान करने के लिये अपनी प्रतिबद्धता को लेकर बरकरार है, ताकि भारतीय उपभोक्ताओं की विकसित हो रही आवश्यकताएं पूरी की जा सकें।