भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कौशल भवन का उद्घाटन किया

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कौशल भवन का उद्घाटन किया – जो भारत की युवा शक्ति को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है

नई दिल्ली 25 जनवरी, 2024: गौरवान्वित करने वाले एक अवसर पर, भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज कौशल भवन का उद्घाटन किया – जो कौशल के माध्यम से देश के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए भारत के अटूट समर्पण का प्रतीक है। कौशल भवन स्किल इंडिया मिशन के तहत युवाओं को सशक्त बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विज़न के अनुरूप है, जो कैपेसिटी बिल्डिंग और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल बनाने में कौशल की महत्वपूर्ण भूमिका को दोहराता है। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा कौशल भवन में प्रस्तावित कार्यक्रम और पहल, भारत की युवा प्रतिभा की आकांक्षाओं को पूरा करने, उसका पोषण करने और देश को एक उज्जवल और अधिक कुशल भविष्य की दिशा में
मार्गदर्शन करने के लिए तैयार है।

इस कार्यक्रम में केन्द्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान, केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राजीव चन्द्रशेखर और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी की गरिमामयी उपस्थिति रही।

कौशल भवन भारत के युवाओं को विभिन्न सेक्टर्स में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए टूल्स और अवसरों के साथ सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में खड़ा है। यह अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से सुसज्जित है, जो अग्रणी कौशल विकास पहलों पर विचार, सहयोग और कार्यान्वयन के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। सोच-समझकर डिज़ाइन किया गया वर्कस्पेस
रचनात्मकता, उत्पादकता को बढ़ावा देने और जीवन शक्ति की एक नई छवि का विस्तार करने के प्रति समर्पण को दर्शाता है। इमारत के डिज़ाइन में पर्यावरणीय जिम्मेदारी के लिए निर्देशित एक राजसी बरगद के पेड़ सहित दो विशाल पेड़ों का संरक्षण शामिल है। यह आर्किटेक्चरल मार्वल प्रकृति के संरक्षण के साथ प्रगति का मिश्रण करते हुए सतत विकास के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करता है।

कौशल भवन के उद्घाटन के अलावा, कौशल विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता के अभिन्न घटकों के रूप में कई पहलों पर प्रकाश डाला गया और स्टालों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत ड्रोन संचालन और खदान सर्वेक्षण जैसे कौशल का प्रदर्शन किया गया। पीएम विश्वकर्मा पर एग्जीबिशन में कारपेन्टरी, शू मेकिंग और पोटरी के लिए टूलकिट प्रदर्शित करके पारंपरिक शिल्प कौशल के महत्व पर जोर दिया गया। राष्ट्रपति कोस्किल इंडिया डिजिटल (एसआईडी) प्लेटफॉर्म के बारे में भी बताया गया। यह अत्याधुनिक ऐप व्यक्तियों को उनके कौशल को बढ़ाने के लिए वन-स्टॉप सॉल्यूशन प्रदान करता है। इसी तरह, पीएम जनमन के तहत डायरेक्टरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग (डीजीटी) इकोसिस्टम, नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड स्मॉल बिज़नेस डेवलपमेंट (निसबड), जन शिक्षण संस्थानों (जेएसएस) और
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ एंटरप्रेन्योरशिप (आईआईई) के उम्मीदवारों और लाभार्थियों ने कौशल विकास की दिशा में एक व्यापक अप्रोच का प्रतिनिधित्व किया, पारंपरिक शिल्प कौशल को आधुनिक तकनीक के साथ मिश्रित किया और भारत के विकास और सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण विविध प्रकार के कौशल को बढ़ावा दिया।

राष्ट्रपति ने उन लाभार्थियों के साथ सार्थक बातचीत भी की, जो स्किल इंडिया के कौशल विकास और डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों से सीधे प्रभावित हुए हैं। इस इंटरैक्टिव सेशन ने राष्ट्रपति को उन व्यक्तियों से जुड़ने का प्रत्यक्ष अवसर प्रदान किया, जिनका वैल्युएबल स्किल्स प्राप्त करने और बढ़ी हुई डिजिटल साक्षरता के माध्यम से बदल गया है। यह इस बात पर जोर देता है कि कौशल भवन एक ऐसा स्थान बनने की आकांक्षा रखता है जहां जीवन के सभी क्षेत्रों के व्यक्ति एक साथ आते हैं, सीखते हैं, बदलते हैं और ज्ञान और कौशल के निरंतर विकसित होते लैंडस्केप में आगे बढ़ते हैं। केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कौशल भवन का उद्घाटन करने के लिए श्रीमती द्रोपदी मुर्मु का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “कौशल भवन, सस्टेनेबल डिजाइन प्रैक्टिस के साथ कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय का
अत्याधुनिक कार्यालय, स्किलिंग इकोसिस्टम के अधिक संमिलन की सुविधा प्रदान करेगा। साथ ही हम सभी को कौशल विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और कौशल को लोगों के सशक्तिकरण के साथ-साथ विकसित भारत का एक प्रमुख चालक बनाने के लिए प्रेरित करेगा।इमारत को विभिन्न हितधारकों – सरकारी निकायों, उद्योग भागीदारों, शैक्षणिक संस्थानों और सबसे
महत्वपूर्ण रूप से इच्छुक कुशल कार्यबल के बीच सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान की सुविधा के लिए डिज़ाइन किया गया है। कुशल और सशक्त भारत के विज़न को प्राप्त करने के लिए सहयोग महत्वपूर्ण है। इसका उद्देश्य कौशल भवन को एक ऐसा हब बनाना है जहां रचनात्मकता, नवाचार और विशेषज्ञता कार्यबल के भविष्य को आकार देने के लिए एकत्रित हों। यह महज एक संरचना नहीं है, बल्कि प्रोफेशनल दुनिया में अपनी पहचान बनाने की इच्छा रखने वालों के लिए आशा की किरण
है।

 

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