आईआईएस कानपुर ने क्षमता निर्माण करने और भारत के युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ साझेदारी की

आईआईएस कानपुर ने क्षमता निर्माण करने और भारत के युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ साझेदारी की

  • आईआईएस कानपुर ने हाइ-एंड सीएनसी मशीनों और लैब, स्ट्रेटेजिक मैन्युफैक्चरिंग और कैपिटल गुड्स सेक्टर के तहत सीएनसी प्रोग्रामिंग और ऑपरेशन, मास्टर ट्रेनर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम में सहायता के लिए एचएएल के साथ साझेदारी का विस्तार भी किया। 
  • एयरोनॉटिकल स्ट्रक्चर एंड इक्विपमेंट फिटर (एएस एंड ईएफ) लैब को सपोर्ट देने और गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण के लिए एविएशन मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के साथ साझेदारी में सहायता करने के लिए, डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया के साथ साझेदारी की गई, इससे फ्रेन्च प्रशिक्षक और सेक्टर के स्पेसिफिक एक्सपर्ट्स मिल सकेंगे 
  • तीनों साझेदारियों का लक्ष्य यूपी की कुशल जनशक्ति आवश्यकताओं को पूरा करना, विशेष रूप से यूपी डिफेन्स इन्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए कार्यबल को सक्षम बनाना है।

नई दिल्ली, 9 नवंबर: कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के उद्देश्यों के अनुरूप, उत्तर प्रदेश में डिफेन्स इन्डस्ट्रियल कॉरिडोर का सहयोग करने में एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र के लिए स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने और तैयार करने के लिए, भारतीय संस्थान स्किल्स (आईआईएस) कानपुर ने आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया (डीएएसआई) के साथ तीन प्रमुख साझेदारियों की घोषणा की। भारत सरकार के माननीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान की सम्मानित उपस्थिति में आज समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। इस कार्यक्रम में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी; श्री टी. नटराजन, एडिशनल सेक्रेटरी, रक्षा मंत्रालय; एनसीवीईटी के अध्यक्ष निर्मलजीत सिंह कलसी; श्री एस. गणेश, निदेशक, आईआईटी कानपुर; हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के सीईओ श्री सजल प्रकाश; एम देवराज, प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा, उत्तर प्रदेश सरकार; विंसेंट डेरलॉन, मैनिजिंग डायरेक्टर, डसॉल्ट भी उपस्थित थे।

यह साझेदारी युवाओं के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करती है, खासकर उत्तर प्रदेश के युवाओं के, जिससे उन्हें एविएशन और डिफेन्स सेक्टर में नए-युग के पाठ्यक्रमों में क्वालिटी मॉड्यूल तक पहुंच मिलती है।

यह पहली बार है कि जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत परिकल्पना की गई है, हम आईआईएस कानपुर की क्षमताओं के निर्माण के लिए शिक्षा, कौशल और अग्रणी उद्योगों के बीच सहयोग देख रहे हैं। इन आईआईएस की संकल्पना की कल्पना स्वयं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर के इन्स्टीट्यूट ऑफ़ टेक्निकल एजुकेशन की यात्रा के दौरान की थी, जो छात्रों को नौकरियों और करियर में उन्नति के लिए तैयार करने वाले अग्रणी संस्थानों में से एक है। इसी तरह, मौजूदा कौशल के ईकोसिस्टम में प्रशिक्षण मानकों को बढ़ाने के लिए देश में आईआईएस की स्थापना की जा रही है।

इस अवसर पर बोलते हुए, माननीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “आईआईटी कानपुर, भारतीय कौशल संस्थान कानपुर, एचएएल और डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया के बीच सहयोग, कौशल विकास के भविष्य को आकार देने और भारत के युवा को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इस सहयोग के तहत भविष्य के लिए पाठ्यक्रम, माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी का युवाओं को उपहार है। यह भी पहली बार है कि कोई शैक्षणिक संस्थान, कौशल संस्थान और उद्योग युवाओं को प्रमाणित करने और भविष्य के लिए तैयार करने के प्रयासों में तालमेल बिठाने के लिए एक साथ आ रहे हैं। यह सहयोग यूपी के डिफेन्स कॉरिडोर और एयरोस्पेस, एविएशन और रक्षा क्षेत्रों में उभर रहे अवसरों का लाभ उठाने का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।

आईआईएस की स्थापना के पीछे का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध मौजूदा कौशल संस्थानों से सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखकर और उन्हें आत्मसात करके विश्व स्तरीय स्किल ट्रेनिंग सेन्टर्स का निर्माण करना है। और डिज़ाइन किए गए पाठ्यक्रमों को देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी, कानपुर के मैटर एक्सपर्ट्स के परामर्श से तैयार किया गया है। प्लान किए गए मॉड्यूल एआई, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एनालिटिक्स, एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, कृषि 2.0 स्मार्ट एग्रीकल्चर, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन और अन्य जैसे इन्डस्ट्री 4.0 पाठ्यक्रमों के बारे में ज्ञान प्रदान करेंगे।

साझेदारी की सराहना करते हुए, एमएसडीई के सचिव, श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा, “यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि हम आज आईआईएस कानपुर के लिए तीन एमओयू के आदान-प्रदान के साथ आईआईएस में क्षमताओं का निर्माण कर रहे हैं। इन साझेदारियों के साथ, हम विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए एक मजबूत नींव बनाने के लिए मॉडर्न ट्रेनिंग मेथेडोलॉजी के साथ-साथ सर्वोत्तम श्रेणी के इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना की कल्पना करते हैं। हमें यकीन है कि नए जमाने के पाठ्यक्रमों, रक्षा और एविएशन क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में आईआईटी कानपुर, एचएएल और डसॉल्ट द्वारा प्रदर्शित प्रतिबद्धता से आईआईएस से जुड़े हमारे युवा कैडर को काफी फायदा होगा”।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ एक और रणनीतिक साझेदारी के तहत, एचएएल अपने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिल्टी (सीएसआर) के हिस्से के रूप में नए आईआईएस कानपुर भवन में एक सीएनसी लैब के लिए एक ट्रेनिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करेगा। इस पहल का उद्देश्य आईआईएस कानपुर की फैकल्टी और ट्रेनी को एडवांस सीएनसी मशीनिंग टेक्नोलॉजी का अनुभव प्रदान करना, साथ ही टार्गेट ग्रुप के लिए ट्रेनिंग, रीस्किलिंग और अप-स्किलिंग की सुविधा भी प्रदान करना है। इसका लक्ष्य ट्रेनी को औद्योगिक नौकरियों के लिए बेहतर ढंग से तैयार करना और  इस प्रकार स्किल इंडिया पहल का समर्थन करना है। इसके अतिरिक्त, यह प्रोजेक्ट एक सामान्य इंजीनियरिंग वातावरण बनाकर शिक्षा और उद्योग के बीच बेहतर सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है जो दोनों पक्षों से परिचित है, और अधिक प्रभावी जानकारी साझा करने में सक्षम बनाता है।

कुल मिलाकर, इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के दायरे मे, 12 लैब, 12 क्लासरूम, मल्टीपर्पज़ रूम, ओपन थिएटर, आउटडोर ट्रेनिंग एरिया, कॉन्फ्रेन्स और डिस्कशन रूम और एक कैफेटेरिया है।

इसके अलावा, डसॉल्ट एविएशन के साथ परिकल्पित साझेदारी से कानपुर में एविएशन क्षेत्र में लॉन्गटर्म ट्रेनिंग प्रदान करने के लिए आईआईएस में एयरोनॉटिकल स्ट्रक्चर एंड इक्विपमेंट फिटर (एएस एंड ईएफ) में एक कोर्स शुरू करने में मदद मिलेगी। साझेदारी के एक हिस्से के रूप में, कानपुर कैम्पस में आईआईएस भवन में एयरोनॉटिकल वोकेशनल ट्रेनिंग के लिए डसॉल्ट एविएशन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जा रहा है।

आईआईएस में नवीनतम ट्रेनिंग फैसिलिटीज़ का समर्थन करने और अग्रणी उद्योगों के साथ नौकरी पर प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने के लिए इन सहयोगों के माध्यम से मजबूत उद्योग और इम्प्लॉयर कनेक्ट की कल्पना की गई है। इसके अलावा, ये साझेदारियां स्थानीय ईकोसिस्टम को अत्याधुनिक तकनीक के अनुकूल बनाने में सक्षम बनाकर समाज के लाभ में योगदान दे रही हैं। भारत सरकार ने पहले ही देश में 3 स्थानों, मुंबई, कानपुर और अहमदाबाद में आईआईएस स्थापित कर दिया है।

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