मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन मणिपाल हॉस्पिस एंड रेस्पाइट सेंटर का उद्घाटन करेगी

मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन मणिपाल हॉस्पिस एंड रेस्पाइट सेंटर का उद्घाटन करेगी

मणिपाल, 26 अप्रैल, 2025: मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (एमएएचई), मणिपाल ने भारत के अपने तरह के अनूठे मणिपाल हॉस्पिस एंड रेस्पाइट सेंटर (एमएचआरसी) के उद्घाटन की घोषणा की है। इसका औपचारिक उद्घाटन आंध्र प्रदेश के राज्यपाल महामहिम माननीय न्यायमूर्ति श्री सैयद अब्दुल नजीर 30 अप्रैल, 2025 को करेंगे। इस केंद्र में नैदानिक सेवाओं की शुरुआत जुलाई 2025 में होगी। एमएएचई द्वारा की गई उच्च सामाजिक प्रभाव वाली यह पहल पूरी तरह से निःशुल्क है और इसका उद्देश्य उत्कृष्ट दयालु समग्र उपशामक देखभाल केंद्र बनना है जो वन-स्टॉप डेस्टिनेशन होगा। यानी एक बार यहां पहुंच गये तो सभी चीजों का ख्याल रखा जायेगा। यह गंभीर और जीवन को सीमित करने वाली बीमारियों का सामना कर रहे रोगियों तथा उनके परिवार को व्यापक राहत, देखभाल और रहने की जगह प्रदान करेगा।

इस सुविधा की योजना कई भागीदारों की सहायता से बनाई गई है। इनमें कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, कस्तूरबा अस्पताल मणिपाल और इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैलिएटिव केयर शामिल हैं, जो प्रशिक्षित पैलिएटिव देखभाल मुहैया कराते हैं। इसके लिए इनके पास चिकित्सकों, नर्सों, मनोवैज्ञानिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अन्य सहायता कर्मियों की एक बहु-विषयक टीम है जो विशेषज्ञ सेवा मुहैया करवाते हैं। इनके साथ कई कॉर्पोरेट और गैर-लाभकारी संगठन इसके वित्तपोषण में योगदान देते हैं। कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल से सिर्फ़ 4.5 किलोमीटर और एनएच -66 से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, मणिपाल हॉस्पिस और रेस्पाइट सेंटर (एमएचआरसी) स्वर्ण नदी के शांत तट पर एक शांतिपूर्ण परिसर में स्थित है जो 12 एकड़ में फैला हरा-भरा क्षेत्र है।

इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए, एमएएचई के प्रो-चांसलर डॉ. एचएस बल्लाल ने कहा , “हमारी प्रतिबद्धता हमेशा शिक्षा और शोध से आगे बढ़कर सहानुभूति, सम्मान और मानवता के मूल्यों को शामिल करने के प्रति रही है। चिकित्सा उत्कृष्टता को पोषण देने वाले वातावरण के साथ जोड़ने वाली इस अनूठी सुविधा के पीछे का विचार जीवन-सीमित करने वाली स्थितियों का सामना करने वाले लोगों के लिए करुणा और रोगी-केंद्रित देखभाल का एक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करना है।” उन्होंने कहा कि शारीरिक देखभाल के साथ-साथ भावनात्मक और आध्यात्मिक कल्याण को पोषित करने के लिए डिज़ाइन किया गया यह केंद्र हमारे इस विश्वास को दर्शाता है कि उपचार में पूरे व्यक्ति को शामिल किया जाना चाहिए – न कि केवल बीमारी को। लॉन्च से पहले अपनी खुशी व्यक्त करते हुए, मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, मणिपाल के कुलपति, लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ) एमडी वेंकटेश, वीएसएम (सेवानिवृत्त) ने कहा, “एमएचआरसी एक अग्रणी पहल है जो विशिष्ट, सहानुभूतिपूर्ण और अकादमिक रूप से निहित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के हमारे मिशन को आगे बढ़ाती है। भारत में एकमात्र होसपिस (धर्मशाला) के रूप में यह एक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल दोनों से संबद्ध है। भविष्य के देखभालकर्ताओं के लिए यह प्रशिक्षण की जगह के रूप में सेवा करते हुए उन्नत उपशामक देखभाल प्रदान करने के लिए विशिष्ट रूप से स्थित है। इस उच्च प्रभाव वाली पहल के माध्यम से दी जाने वाली सेवाएं गंभीर और जीवन-सीमित स्थितियों का सामना कर रहे रोगियों तथा परिवारों को पूरी तरह से निःशुल्क प्रदान की जाएंगी।”

डॉ. शरत के. राव, प्रो वाइस चांसलर – स्वास्थ्य विज्ञान, डॉ. नारायण सभाहित, प्रो वाइस चांसलर (प्रौद्योगिकी और विज्ञान), डॉ. रविराजा एनएस, मुख्य परिचालन अधिकारी, डॉ. गिरिधर किनी, एमएएचई के रजिस्ट्रार और डॉ. नवीन सलिन्स, प्रोफेसर और प्रमुख, पैलिएटिव मेडिसिन व सपोर्टिव केयर विभाग, डॉ. सीमा राजेश राव, निदेशक, मणिपाल हॉस्पिस और रेस्पाइट सेंटर (एमएचआरसी) ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। एमएचआरसी अन्य हॉस्पिस सुविधाओं से अलग है क्योंकि इसमें अनुसंधान और शिक्षा के साथ उन्नत उपशामक देखभाल का अनूठा और रणनीतिक समावेश है। यह सुविधा भारत में एकमात्र हॉस्पिस के रूप में विकसित की गई है जो मेडिकल कॉलेज और तृतीयक देखभाल अस्पताल दोनों से जुड़ी है, जो कैंसर और गैर-कैंसर स्थितियों की जरूरतें पूरी करती है। एमएचआरसी अगली पीढ़ी के उपशामक देखभाल विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करते हुए अभिनव देखभाल मॉडल प्रदान करेगा।

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