श्री धर्मेंद्र प्रधान ने वर्ल्ड स्किल्स प्रतियोगिता 2022 के विजेताओं को सम्मानित किया और इंडिया स्किल्स 2023-24 का शुभारंभ किया

श्री धर्मेंद्र प्रधान ने वर्ल्ड स्किल्स प्रतियोगिता 2022 के विजेताओं को सम्मानित किया और इंडिया स्किल्स 2023-24 का शुभारंभ किया

नई दिल्ली, अक्टूबर 18, 2023: माननीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने वर्ल्ड स्किल्स प्रतियोगिता 2022 के विशेष संस्करण में प्रदर्शित उनकी उत्कृष्ट प्रतिभा और कौशल की सराहना करते हुए भारत के 18 उम्मीदवारों को सम्मानित किया। भारत ने 50 कौशलों में भाग लिया और उत्कृष्टता के लिए 2 रजत पदक, 3 कांस्य पदक और 13 पदक के साथ 11वां स्थान हासिल किया। विजेताओं और उनके एक्सपर्ट प्रशिक्षकों को एक भव्य कार्यक्रम के दौरान प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। माननीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर देश की सबसे महत्वपूर्ण और प्रतीक्षित इंडियास्किल्स 2023-24 प्रतियोगिता की शुरुआत की भी घोषणा की। इस घोषणा के साथ, उम्मीदवार आज से स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपना नामांकन करा सकते हैं। इस कार्यक्रम में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री कृष्ण कुमार द्विवेदी, एआईसीटीई के चेयरमैन प्रोफेसर टी जी सीताराम, प्रशिक्षण के महानिदेशक सुश्री त्रिशालजीत सेठी, एनएसडीसी के सीईओ और एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी श्री वेद मणि तिवारी उपस्थित थे।
वर्ल्ड स्किल्स प्रतियोगिता 2022 का विशेष संस्करण, वर्ल्डस्किल्स शंघाई 2022 का आधिकारिक प्रतिस्थापन था, जिसे महामारी के कारण मई में रद्द कर दिया गया था। अपने मूल प्रारूप से हटकर, कौशल प्रतियोगिताएं 7 सितंबर से 26 नवंबर 2022 के बीच 15 देशों और क्षेत्रों में 12 सप्ताह तक आयोजित की गईं। रजत पदक विजेताओं को 8 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया, जबकि उनके एक्सपर्ट को 3 लाख रुपये मिले। कांस्य श्रेणी के विजेताओं को 6 लाख रुपये और उनके एक्सपर्ट को 2 लाख रुपये दिए गए। मेडेलियन फॉर एक्सीलेन्स प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों और एक्सपर्ट को क्रमशः 2 लाख रुपये और 1 लाख रुपये के नकद पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए, माननीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री, श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, हम दक्षताओं, व्यावहारिक ज्ञान और 21वीं सदी का नेतृत्व करने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण को समान महत्व दे रहे हैं। कौशल प्रतियोगिताएं हमारे कौशल के सिस्टम के एक प्रमुख घटक का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो भारत के युवाओं की रोजगार क्षमता और बाजार की स्वीकृति को बढ़ाती हैं, जिनकी राष्ट्र निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में शिक्षा के साथ कौशल विकास के एकीकरण को औपचारिक रूप देने के साथ, मुझे विश्वास है कि एमएसडीई वर्ल्ड स्किल्स 2023-24 में भारत की भागीदारी के कैनवास को व्यापक बनाएगा और हम शीर्ष 10 स्थानों में
रहेंगे। मैं उद्योग, शिक्षा जगत और नीति निर्माताओं से एक साथ काम करने और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के विज़न को साकार करने के लिए कौशल विकास को एक जन आंदोलन बनाने का आग्रह करता हूं।”

कार्यक्रम में, विजेताओं ने अपनी प्रेरणादायक कहानियाँ भी साझा कीं कि कैसे उन्होंने घातक महामारी सहित सभी बाधाओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी, विदेशों की यात्रा की और अपने संबंधित ट्रेडों में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते हुए अटूट दृढ़ संकल्प और जुनून दिखाया। उनका उत्साह न केवल प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि दूसरों को राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रोत्साहित करने की प्रेरक शक्ति भी है।
46वें वर्ल्ड स्किल्स की योजना मूल रूप से 2021 के लिए बनाई गई थी और महामारी के कारण इसे 2020 में स्थगित कर दिया गया था। विशेष संस्करण में 29 अलग-अलग आयोजनों में 84 दिनों में 400,000 से अधिक विज़िटर का स्वागत किया गया। 56 सदस्य देशों और क्षेत्रों के लगभग 1,000 प्रतियोगियों ने 62 कौशल प्रतियोगिताओं में भाग लिया।
भारत ने 56 प्रतियोगियों और 50 एक्सपर्ट के साथ 50 कौशलों में भाग लिया और वेल्डिंग, प्लंबिंग और हीटिंग, सीएनसी मिलिंग, सीएनसी टर्निंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और ब्रिकलेइंग जैसे कौशल में 19% महिलाओं की भागीदारी देखी गई, जिसमें पारंपरिक रूप से पुरुष शामिल होते थे। यह राष्ट्र के विकास के लिए नारी शक्ति का लाभ उठाने के के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न के अनुरूप है। टीम इंडिया ने इंडस्ट्री 4.0, रोबोट सिस्टम इंटीग्रेशन, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, रिन्यूएबल एनर्जी, मोबाइल एप्लिकेशन डेवलपमेंट, डिजिटल कंस्ट्रक्शन के तहत सूचीबद्ध छह न्यू फ्यूचर के कौशल में भी भाग लिया।
इसके अलावा, वर्ल्ड स्किल्स प्रतियोगिता 2011 में 39वें स्थान से 2022 में 11वें स्थान तक का परिवर्तन युवाओं के बीच उनके करियर को व्यापक बनाने और वर्तमान जॉब मार्केट में उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कार्यबल को विविध कौशल सेटों से लैस करने के लिए मल्टी इन्डस्ट्री ट्रेनिंग की बढ़ती आवश्यकता को दर्शाता है। कौशल प्रतियोगिताएं भी जेन्डर की बाधा को तोड़ रही हैं और वेल्डिंग, प्लंबिंग और हीटिंग, सीएनसी मिलिंग, सीएनसी टर्निंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, ब्रिकलेइंग, रीन्यूएबल एनर्जी, इन्डस्ट्री 4.0, मेक्ट्रोनिक्स और रोबोट सिस्टम इन्टीग्रेशन जैसे पारंपरिक रूप से पुरुषों द्वारा किए जाने वाले कौशल में महिला भागीदारी महत्वपूर्ण संख्या में है।


इसके अतिरिक्त, इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता 2023-24 का शुभारंभ कौशल के वैश्विक मानकों को बढ़ावा देने, प्रतिस्पर्धात्मकता प्रदान करने और इनोवेशन को प्रोत्साहित करके युवा भारत की आकांक्षा को पूरा करता है। यह प्रतियोगिता ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्रीन जॉब्स और मैन्युफैक्चरिंग सहित 15 से अधिक क्षेत्रों में आयोजित की जाएगी, जिसमें ऑटोबॉडी रिपेयर, सीएनसी मिलिंग, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, रोबोट सिस्टम इंटीग्रेशन, वॉटर टेक्नोलॉजी और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे ट्रेडों में उम्मीदवार प्रतिस्पर्धा करेंगे। वर्ल्ड स्किल्स या इंडिया स्किल्स जैसी कौशल चैंपियनशिप उभरते प्रोफेशनल्स को अपने कौशल को पूर्णता के साथ प्रदर्शित करने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करके उनके करियर को आगे बढ़ाने में सहायक हैं। यह कौशल
गैप को कम करने और युवाओं को लगातार विकसित हो रहे जॉब मार्केट के लिए तैयार करने के लिए सरकारों, उद्योग और शिक्षा जगत के बीच सहयोग की सुविधा भी प्रदान करता है। आगे चलकर, ऐसे प्रयास भारतीय युवाओं को योग्यता, उत्कृष्टता और उत्पादकता के अन्तरराष्ट्रीय मानकों को प्राप्त करने में मदद करने में सक्षम होंगे

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