एम आई बिल्डर्स के ख़िलाफ़ दायर वाद में न्यायालय विद्युत लोकपाल के आदेश की अवमानना करने पर विद्युत लोकपाल द्वारा एम आई बिल्डर के विरुद्ध इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के धारा 142 के अंतर्गत कार्यवाही करने का निर्णय
एम आई रसल कोर्ट के निवासियों में ख़ुशी की लहर
लखनऊ, 19 मई 2024: गत 16 मई 2024 को मेसर्स एम आई बिल्डर्स के विरुद्ध एम आई रसल कोर्ट अपार्टमेंट के निवासियों द्वारा दायर वाद में, माननीय न्यायालय विद्युत लोकपाल ने अपना फ़ैसला बिल्डर के विरुद्ध और निवासियों के हक में दे दिया। मामले की अंतिम सुनवाई गत 14 मई को हुई थी।
ज्ञात हो कि लगभग 8 वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी एम आई बिल्डर्स द्वारा आवासीय योजना एम आई रसल कोर्ट में स्वीकृत भार के अनुसार 33 के वी विभव पर 5400 Kw (6000 KVA) विद्युत इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण हेतु कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि इस संदर्भ में लोकपाल न्यायालय द्वारा पिछले वर्ष फरवरी माह में स्वीकृत विद्युत इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने का आदेश दिया गया था। मेसर्स एम आई बिल्डर्स द्वारा अद्यतन इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित न किए जाने के कारण निवासी शिकायतकर्ताओं द्वारा एम आई बिल्डर्स के विरुद्ध धारा 142 के अंतर्गत कार्रवाई करने हेतु अनुरोध किया गया था। विद्युत लोकपाल न्यायालय ने इस वाद में अपना निर्णय देते हुए विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 142 के अन्तर्गत कार्यवाही किये जाने हेतु माननीय उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को संदर्भित आदेश पारित किया है।
इस प्रकरण में एम आई बिल्डर्स द्वारा रसल कोर्ट सोसाइटी में एल डी ए द्वारा स्वीकृत मानचित्र पर स्वयं द्वारा दिये गये विवरण के आधार पर विद्युत विभाग द्वारा स्वीकृत भार के अनुसार विद्युत इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित नहीं किया गया , जिसके कारण सोसाइटी में आये दिन ट्रिपिंग की समस्या लगातार बनी हुई है एवम् गर्मी के दिनों ये समस्या बहुत बढ़ जाती है। एम आई बिल्डर्स द्वारा वर्ष 2021 में लोड घटायें जाने के लिये विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम में दायर परिवाद में अपने को वास्तविक उपभोक्ता बताते हुए 34 निवासियों की तरफ से एम. आई. बिल्डर के इस वाद का विरोध करने में अग्रणी भूमिका पुष्कर नाथ, हृदय राम चौधरी, अजीत तिवारी और तरनदीप सिंह ने निभायी और एम आई बिल्डर्स केस हार गया I फिर बिल्डर की तरफ़ से विद्युत लोकपाल में केस डाला गया I निवासियों के प्रयास से बिल्डर को वहां भी हार मिली I उसके बाद उस वाद में दिये निर्णय को सेक्सन 142 के अंतर्गत लागू कराने के लिये नियामक आयोग जाने का रास्ता आज के केस में पास हो गया I अब मेसर्स एम आई बिल्डर्स को 33 केवी विभव पर 5400 किलो वाट विद्युत इंफ्रा स्ट्रक्चर बनाकर देना ही होगा I इस केस में न्यायालय विद्युत लोकपाल के सामने एम आई रसल कोर्ट निवासियों की तरफ़ से अधिवक्ता विकास अग्रवाल द्वारा बिंदुवार बहस के उपरान्त पक्ष-विपक्ष की दलीलें समझते हुए न्यायालय ने फ़ैसला रिज़र्व कर लिया था। एम आई रसल कोर्ट के निवासियों द्वारा निरंतर पैरवी के उपरान्त अब मेसर्स एम आई बिल्डर्स के ख़िलाफ़ आये इस फ़ैसले से निवासियों में ख़ुशी की लहर से दौड़ गई है। ज्ञात हो कि इस आवासीय सोसाइटी में कुल 767 फ़्लैट्स हैं।
