लखनऊ के स्मार्ट सिटी विजन के लिए हर कैमरा में सही वीडियो एनालिटिक्स हार्ड ड्राइव्स महत्वपूर्ण हैं
लखनऊ तेजी से भारत का एक प्रमुख टेक्नोलॉजी और डेटा सेंटर हब बन रहा है। भारत में डेटा सेंटर की मांग तेजी से बढ़ रही है, और 2025 के अंत तक देश की डेटा सेंटर क्षमता 2,070 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। (स्रोत) पुणे जैसे शहर, जहां लागत कम और विकास की संभावनाएं ज्यादा हैं, नए डेटा सेंटर निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य बन रहे हैं। इस वजह से पुणे भारत के डिजिटल विकास में एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है, जो घरेलू और विदेशी टेक्नोलॉजी कंपनियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
लखनऊ की बढ़ती डिजिटल मौजूदगी को शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर में किए जा रहे सुधारों का समर्थन प्राप्त है, जिसमें स्मार्ट वीडियो एनालिटिक्स सिस्टम को भी जोड़ा जा रहा है। अपने स्मार्ट सिटी विजन के तहत, शहर सार्वजनिक स्थानों, परिवहन केंद्रों और आवश्यक सेवा क्षेत्रों में एआई-बेस्ड कैमरे और वीडियो एनालिटिक्स अपना रहा है, ताकि रोजमर्रा की सुरक्षा, दक्षता और निवासियों व आगंतुकों के लिए सार्वजनिक सेवाओं को बेहतर बनाया जा सके।
हालांकि, इंटेलिजेंट मॉनीटरिंग और रीयल-टाइम एनालिटिक्स पर ध्यान देने के बीच एक महत्वपूर्ण कारक को
अक्सर नजरअंदाज किया जाता है: इन सिस्टम्स की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने में हार्ड
ड्राइव की अनिवार्य भूमिका। स्मार्ट सिटी डेटा-हैवी है और डेटा को स्टोरेज की जरूरत है ट्रैफिक निगरानी, कचरा प्रबंधन, भीड़ निगरानी और इमरजेंसी रिस्पॉन्स जैसे कार्यों के लिए आधुनिक वीडियो और एनालिटिक्स सिस्टम काफी मात्रा में वीडियो डेटा पर निर्भर करते हैं। हाई-डेफिनिशन कैमरे, इनसाइट एनालिटिक्स और रीयल-टाइम अलर्ट शहरी प्रशासन की नींव बन रहे हैं। लेकिन, इस डिजिटल इंटेलिजेंस के लिए स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर की भारी मांग होती है।
एक 1080p कैमरा प्रतिदिन 35 जीबी तक डेटा जनरेट कर सकता है, जो सालाना 13 टीबी से अधिक हो सकता है। एक 4K कैमरा स्टोरेज की जरूरत को 280% तक बढ़ा सकता है, और 8K कैमरे के लिए, कॉन्फिगरेशन और रिटेंशन नीतियों के आधार पर प्रति कैमरा प्रति वर्ष 40 टीबी से अधिक स्टोरेज की आवश्यकता हो सकती है। शहर में लगे सैकड़ों कैमरों से मिलने वाला डेटा बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण होता है। यह सिर्फ वीडियो फुटेज नहीं है, बल्कि ऐसी जानकारी है जो शहर के योजनाकारों और कम्युनिटी लीडर्स को सार्वजनिक स्थानों को बेहतर करने, सेवाओं में सुधार लाने और रोज़मर्रा की समस्याओं का आसानी से समाधान करने में मदद करती है।
जैसे-जैसे डेटा की ये जरूरतें बढ़ रही हैं, एक बड़ा, सुरक्षित और एआई-रेडी स्टोरेज परिचालन सफलता के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। विश्वसनीयता और ड्यूरैबिलिटी हैं बहुत जरूरी वीडियो और एनालिटिक्स सिस्टम में हार्ड ड्राइव सिर्फ डेटा स्टोर नहीं करते, बल्कि 24/7 बिना रुके काम करते हैं और भारी मात्रा में डेटा को लगातार लिखते हैं। सामान्य हार्ड ड्राइव, जो कभी-कभार इस्तेमाल के लिए बने होते हैं, इस तरह के भारी काम को नहीं झेल पाते। लेकिन वीडियो और एनालिटिक्स के लिए बनी खास हार्ड ड्राइव को कठिन परिस्थितियों में भी बेहतर काम करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। पुणे जैसे तेजी से बढ़ते शहरों में, जहां गर्मी, उमस और बिजली की खपत जैसी चुनौतियां हैं, ये हार्ड ड्राइव भरोसेमंद प्रदर्शन और डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। यह स्मार्ट सिटी की सुरक्षा और सुचारू कामकाज के लिए बहुत जरूरी है। जैसे-जैसे शहर स्मार्ट सिटी सिस्टम को बढ़ा रहे हैं, स्टोरेज सिस्टम की जरूरत भी बढ़ रही है। एआई-आधारित ट्रैफिक सिस्टम, भीड़ का विश्लेषण, शहरी सुरक्षा और पर्यावरण निगरानी जैसे क्षेत्रों में, वीडियो डेटा को तेजी से और भरोसे के साथ स्टोर करना, उस तक पहुंचना और उसका विश्लेषण करना बहुत महत्वपूर्ण है।
हार्ड ड्राइव को सिर्फ डेटा रखने से ज्यादा करना होता है; उन्हें पूरे शहर के सिस्टम में विश्वसनीयता, स्थिरता और लचीलापन देना होता है। अगर आज गलत स्टोरेज सिस्टम चुना गया, तो भविष्य में सिस्टम खराब होने की बड़ी समस्या हो सकती है।
स्मार्ट सिटी के हितधारक उठाएं कदम जैसे-जैसे लखनऊ भारत का एक प्रमुख टेक्नोलॉजी और डेटा सेंटर हब बन रहा है, हार्ड ड्राइव को एक महत्वपूर्ण संपत्ति के रूप में देखना जरूरी है। निर्णय लेने वालों, सिस्टम इंटीग्रेटर्स और सरकारी एजेंसियों को ऐसे स्टोरेज सिस्टम को चुनना होगा जो भविष्य में बढ़ते डेटा की जरूरतों को पूरा कर सके। ये सिर्फ तकनीकी खूबियां नहीं हैं; बल्कि ये सिस्टम के लगातार काम करने, लोगों का भरोसा जीतने और शहर को मजबूत बनाने के लिए लंबे
समय तक चलने वाला निवेश हैं।






