भारतीय नौसेना की नई मिसाइल वेसल को ताकत देगा जीई एयरोस्पेस का एलएम2500

भारतीय नौसेना की नई मिसाइल वेसल को ताकत देगा जीई एयरोस्पेस का एलएम2500

 

इवेन्डेल, ओहियो (17 अक्टूबर, 2024) – विश्वसनीयता और शानदार प्रदर्शन के लिए इंजीनियर किए गए जीई एयरोस्पेस के एलएम2500 को भारत के कोच्चि में स्थित कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित भारतीय नौसेना के अगली पीढ़ी के मिसाइल वेसल्स (NGMV) को शक्ति प्रदान करने के लिए चुना गया है। जीई एयरोस्पेस द्वारा छह एलएम2500 समुद्री गैस टरबाइन इंजन किट दिए जाएंगे, जिन्हें भारत के बैंगलोर में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HA) इंडस्ट्रियल एंड मरीन गैस टरबाइन डिवीजन में असेंबली और परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्त, जीई एयरोस्पेस अपने समग्र बेस और इनक्लोजर, और गैस टरबाइन सहायक सिस्टम की पूरी आपूर्ति करेगा।

ये इंजन भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किए गए नए जहाज को शक्ति प्रदान करेंगे। इन इंजनों को उनकी नेवल क्षमता के लिए एक फोर्स मल्टीप्लायर के रूप में जाना जाता है। यह चयन LM2500 की अपनी कटेगरी में बेजोड़ लीडर के रूप में स्थिति को और मजबूत करता है।  इन इंजनों ने यह पहचान अपने शानदार प्रदर्शन और व्यापक वैश्विक सपोर्ट नेटवर्क के जरिए अर्जित की है। LM2500 सिर्फ़ भारतीय नौसेना को शक्ति प्रदान नहीं कर रहा है। यह दुनिया भर की ऐसी तमाम नौसेनाओं के लिए पसंदीदा इंजन है जो सर्वश्रेष्ठ की तलाश में रहते हैं। दुनिया भर में 714 से ज़्यादा जहाज़ अपनी विश्वसनीयता और कार्यक्षमता के लिए GE एयरोस्पेस के मरीन गैस टर्बाइनों पर निर्भर हैं।

NGMV: भारत के नए बेहद परिष्कृत युद्धपोत

अगली पीढ़ी का मिसाइल पोत भारतीय नौसेना के लिए एक नया डिज़ाइन है जो 35 नॉट की अधिकतम गति हासिल कर सकेगा और बड़ी संख्या में एंटी सरफेस हथियारों लेकर चल सकेगा। NGMV प्रोपल्शन सिस्टम का मूल LM2500 है, जो एक मरीन गैस टरबाइन है जिसे स्टील्थ आवश्यकताओं को पूरा करते हुए बेहतर शक्ति प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

जीई एयरोस्पेस डिफेंस एंड सिस्टम्स के अध्यक्ष और सीईओ एमी गॉडर ने कहा “एलएम2500 गैस टर्बाइन की शक्ति और विश्वसनीयता इसे एनजीएमवी मिशन के लिए आदर्श विकल्प बनाती है। हमें भारत की समुद्री रक्षा के लिए इस महत्वपूर्ण तकनीक को प्रदान करने के लिए एचएएल के साथ अपने सहयोग को जारी रखने पर गर्व है।”

बाएं से दाएं: जीई एयरोस्पेस की एलएम2500 समुद्री गैस टरबाइन, जीई एयरोस्पेस का पूरा गैस टरबाइन बाड़ा

मेक-इन-इंडिया सपोर्ट

जीई एयरोस्पेस और भारत की प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की एयरोस्पेस कंपनी एचएएल के बीच समुद्री और एयरोस्पेस रक्षा दोनों क्षेत्रों में 1986 से ही संबंध हैं। एचएएल ने सभी एलएम2500 गैस टर्बाइनों को असेंबल और टेस्ट किया है जो वर्तमान में भारतीय नौसेना के पी17 और पी17ए फ्रिगेट्स के साथ-साथ आईएसी-1 विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर को शक्ति प्रदान करते हैं। 2023 में, जीई एयरोस्पेस और एचएएल ने एलएम500 समुद्री गैस टर्बाइन की असेंबली, निरीक्षण और परीक्षण (एआईटी) को शामिल करने और अपनी क्षमताओं का विस्तार करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। आज तक, जीई एयरोस्पेस ने भारतीय नौसेना के लिए एचएएल को 24 समुद्री गैस टर्बाइन किट दिए हैं, जो मेक-इन-इंडिया के लिए मजबूत सपोर्ट को दर्शाता है।

एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. डी. सुनील ने कहा। “जीई एयरोस्पेस समुद्री अप्लीकेशनों और एयरोस्पेस में कई दशकों से हमारा महत्वपूर्ण भागीदार रहा है। भारतीय नौसेना की विभिन्न योजनाओं के लिए, एचएएल ने एलएम2500 गैस टर्बाइन इंजन पर जीई एयरोस्पेस के साथ भागीदारी की है। एनजीएमवी कार्यक्रम के जुड़ने से हमारी साझेदारी और भी मजबूत होगी।”

भारत के नौसैनिक भविष्य के लिए रणनीतिक साझेदारी का निर्माण

जीई एयरोस्पेस के एलएम2500 गैस टरबाइन इंजन भारतीय नौसेना को भविष्य में आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। यह कॉन्ट्रैक्ट अवार्ड भारत के साथ जीई एयरोस्पेस के रणनीतिक सहयोग को और मजबूत करता है जो अत्याधुनिक तकनीक और स्थानीय विशेषज्ञता पर केंद्रित है। नवाचार की विरासत का लाभ उठाते हुए, गैस टरबाइन इंजनों के एलएम2500 परिवार को युद्ध तत्परता और रखरखाव में आसानी के ट्रैक रिकॉर्ड के लिए जाना जाता है। साथ ही साथ इसका ग्लोबल नेटवर्क, इसे दुनिया भर की नौसेनाओं के लिए पसंदीदा विकल्प बनाता है।

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