नीम करोली बाबा कौन थे?
नीम करोली बाबा वर्तमान भारत में ही नही विदेशों में भी बड़े संत के रूप में माने जाते है और उनके कारनामों से लोग उन्हे दिव्य पुरुष मानते है। एप्पल कंपनी के फाउंडर स्टीव जॉब्स और भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और क्रिकेटर विराट कोहली से लेकर बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा तक नीम करोली बाबा की भक्त है।
नीम करोली बाबा स्वयं हनुमान जी की पूजा करते थे लेकिन उनके भक्त लोग उनको ही हनुमान जी का अवतार मानते थे। थे मतलब अब नीम करोली बाबा इस दुनिया में नही है लेकिन उनके भक्त उन्हे आज भी उतनी ही श्रद्धा से मानते है
नीम करोली बाबा का आश्रम
नीम करोली बाबा का आश्रम उत्तराखंड के कैंची धाम में है जहां लोग देश विदेश से उनके दर्शन को पहुंचते है।उत्तराखंड में मौजूद कैंची धाम मंदिर की लोकप्रियता इतनी है कि यहां बाबा नीम करोली महाराज के दर्शन करने के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं। बता दें, नीम करोली महाराज को कलयुग में भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है। इस जगह पर हनुमान जी को समर्पित एक मंदिर भी है, वहीं परिसर में ही बाबा नीम करोली का भी मंदिर और प्रार्थना कक्ष बनाया गया है।
फेमस कैंची धाम आश्रम और मंदिर शिप्रा नदी के तट पर बना हुआ है। ये स्थान इतना फेमस है कि यहां एक समय मार्क जुकरबर्ग भी दर्शन करने के लिए आए थे। बल्कि एप्पल कम्पनी के संस्थापक ने भी इस जगह पर आकर मत्था टेका था। हाल ही में विराट कोहली और अनुष्का शर्मा भी कैंची धाम मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे।
नीम करोली बाबा का जीवन परिचय
नीम करोली बाबा का नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था और उनका जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में साल 1900 के आसपास हुआ था और मात्र 17 वर्ष की उम्र में उन्होंने ज्ञान की प्राप्ति कर ली थी। इनके पिताजी का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था उन्होंने बाबा की शादी मात्र 11 वर्ष की उम्र में करवा दी।
जब बाबा जीवित थे तब लोग उन्हे लक्ष्मण दास, हांडी वाले बाबा, तिकोनिया वाले बाबा और तलईया बाबा के नाम से जानते थे।
अंग्रेजो के समय की बात है जब बाबा फर्स्ट क्लास कम्पार्टमेंट ट्रेन में सफर कर रहे थे लेकिन उनके पास टिकट नहीं था। लेकिन जब टीसी आया तो उसने बाबा को अगले स्टेशन नीम करोली में उतार दिया। बाबा का क्या था बाबा अपना चिमटा धरती में गड़ाकर बैठ गए तो फिर रेल के ऑफिसर्स ने रेल को चलाने के लिए कहा और गार्ड ने हरी झंडी दिखा दी लेकिन खून प्रयत्न के बार भी रेल थोड़ी सी भी आगे नहीं डिगी।
लेकिन जब भरसक प्रयास करने के बाद भी रेल नही बढ़ी तो एक लोकल मजिस्ट्रेट जो बाबा को जानता था उसने रेल ऑफिशियल से कहा की बाबा से माफी मांगकर उन्हे अंदर बैठा लो सम्मानपूर्वक और जैसे ही बाबा बैठे ट्रेन चल पड़ी तब से इनका नाम नीम करोली बाबा पड़ा।
नीम करोली बाबा के दो बेटे और एक बेटी थी उनका बड़ा बेटा अनेक सिंह अपने परिवार के साथ भोपाल में रहता है। और उनका छोटा बेटा धर्म नारायण शर्मा वन विभाग में रेंजर पद पर रहा जिनका हाल ही में निधन हो गया।
बाबा ने 11 सितंबर 1973 को वृंदावन में अपने शरीर का त्याग कर दिया।
