श्री धर्मेंद्र प्रधान ने भुवनेश्वर में एक सम्मान समारोह में 18 ट्रेडों के 26 विश्वकर्मा गुरुओं को सम्मानित किया

श्री धर्मेंद्र प्रधान ने भुवनेश्वर में एक सम्मान समारोह में 18 ट्रेडों के 26 विश्वकर्मा गुरुओं को सम्मानित किया

ओडिशा, 24 नवंबर, 2023: पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत विभिन्न ट्रेडों में मास्टर ट्रेनर को सम्मानित करने के लिए, माननीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना के तहत ‘विश्वकर्मा गुरुओं के सम्मान समारोह’ के दौरान 26 विशेषज्ञ कारीगरों और शिल्पकारों को सम्मानित किया जोकि आगे चलकर योजना के ब्रांड एंबेसडर के रूप में कार्य करेंगे और अपने संबंधित ट्रेडों में मास्टर ट्रेनर और ट्रेनर बनने के अवसर भी प्रदान करेंगे।

माननीय प्रधानमंत्री ने 18 ट्रेडों में ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना शुरू की, जिसमें 28 सब-ट्रेड हैं (अनुलग्नक 1 का संदर्भ लें)। यह योजना कारीगरों और शिल्पकारों को शुरू से अंत तक सहायता प्रदान करने के लिए है। इस योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों को क्रेडिट सहायता के साथ आधुनिक उपकरणों और तकनीकों से लैस करना है।

इस कार्यक्रम में एमएसडीई के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, श्रीमती त्रिशालजीत सेठी, महानिदेशक, प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी); श्रीमती सोनल मिश्रा, संयुक्त सचिव, एमएसडीई; श्रीमती इशिता गांगुली त्रिपाठी, एडिशनल डेवलपमेन्ट कमिशनर, एमएसएमई; श्री वेद मणि तिवारी, सीईओ, एनएसडीसी; कर्नल महेंद्र सिंह पयाल, चीफ़ प्रोग्राम ऑफिसर, एनएसडीसी भी उपस्थित थे।

गुरु-शिष्य परंपरा को अपने अवतार में अधिक स्केलेबल, सुलभ और इनोवेटिव बनाने की दृष्टि से प्रेरित, कारीगरों को मास्टर प्रशिक्षकों में बदलने के लिए आधुनिक उपकरणों, डिजाइन एलीमेन्ट और नवीनतम तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा।  इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कौशल को संरक्षित करना, उद्यमशीलता प्रतिभा को आगे बढ़ाना, स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग करना और ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों और सम्मान समारोह के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ाना है। पीएम विश्वकर्मा गुरु उन लोगों के लिए बहुत सारे व्यक्तिगत अनुभव ला सकते हैं जो इस योजना से लाभान्वित हो सकते हैं।

इन विशेषज्ञों के ओरिएंटेशन को सुव्यवस्थित और तेज करके, मंत्रालय की परिकल्पना है कि गुरु पीएम विश्वकर्मा के अन्तर्गत अपने संबंधित ट्रेड के ब्रांड एंबेसडर बनेंगे और क्षेत्र स्तर पर योजना के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद करेंगे। इसके अलावा इन गुरुओं को मास्टर ट्रेनर के रूप में शामिल किया जा सकता है।

आगे के विकास को बढ़ावा देने के लिए, भारत में स्ट्रक्चर्ड और ऑउटकम ड्रिवन ट्रेनिंग फ्रेमवर्क को आगे बढ़ाने के लिए निस्बड, आईटीआई, पीएमकेके, पीएमकेवीवाई, यूजीसी, सीआईपीईटी और अन्य सेन्टर जैसे कौशल प्रशिक्षण संस्थानों के साथ जुड़ने के लिए सहयोगात्मक प्रयास किए जाएंगे।

 

 

 

पीएम विश्वकर्मा गुरुओं को सम्मानित करते हुए माननीय शिक्षा तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “पीएम विश्वकर्मा गुरुओं के अनुभवों को सुनकर बहुत अच्छा लगा। मैं उन सभी विश्वकर्माओं के प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने हमारे माननीय प्रधानमंत्री को लिखित रूप में धन्यवाद दिया है। ओडिशा में प्रत्येक कारीगर और मूर्तिकार एक विश्वकर्मा हैं। उनकी रचना अद्वितीय है। हम जागरूकता पैदा करने और ऐसे और अधिक कारीगरों को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं।”

पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर अब तक 17 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर अब तक प्राप्त आवेदनों के विश्लेषण से पता चलता है कि शीर्ष 5 ट्रेडों में कौशल प्रशिक्षण की मांग आवेदन संख्या का 80% है। ओडिशा में आवेदन के मामले में शीर्ष 5 ट्रेड हैं जिसमें – मेसन, टेलर, कारपेन्टर, बास्केट मेकर/बास्केट वेवर (चटाई निर्माता/कॉयर बुनकर/झाड़ू निर्माता) और पोर्टर हैं। मंत्रालय क्षेत्रीय स्तर पर प्रशिक्षकों के पंजीकरण को बढ़ाने के लिए सीएससी की क्षेत्रीय पहुंच और सामुदायिक विशेषज्ञता का भी लाभ उठाएगा। साथ ही पारंपरिक शिल्प को संरक्षित करेगा और उन्हें समकालीन संदर्भों में बढ़ावा देगा।

वित्त वर्ष 2023-2024 से वित्त वर्ष 2027-28 तक वित्तीय परिव्यय 13,000 करोड़ रुपए है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा पेश किए जाने वाले उत्पादों और सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाना है। यह योजना 1 लाख (पहली किश्त 18 महीने में चुकानी होगी) और 2 लाख (दूसरी किश्त 30 महीने में चुकानी होगी) के कोलेटरल फ्री एंटरप्राइज डेवलपमेंट लोन प्रदान करती है। लाभार्थी से 5% की रियायती ब्याज दर ली जाएगी, जिसमें मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज द्वारा 8% की ब्याज छूट सीमा का भुगतान किया जाएगा। क्रेडिट गारंटी शुल्क केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

पीएम विश्वकर्मा योजना के कार्यान्वयन की दिशा में एक रणनीतिक कदम के रूप में, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने चिन्हित ट्रेडों में कारीगरों और शिल्पकार समुदाय को सशक्त बनाने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत मास्टर ट्रेनर और असेसर के प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की भी घोषणा की। मास्टर ट्रेनर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम का लक्ष्य इन मास्टर ट्रेनर्स को मॉर्डन टेक्नोलॉजी स्किल और उद्यमशीलता ज्ञान से लैस करना है। प्रतिभागियों को उद्यमशीलता दक्षताओं, बिजनेस प्लान की तैयारी, सरकारी सहायता इकोसिस्टम, वित्तीय साक्षरता, डिजिटल और सोशल मीडिया मार्केटिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर प्रशिक्षण प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त, मास्टर ट्रेनर्स को अपने कौशल को बढ़ाने और समकालीन प्रथाओं को अपनाने के लिए एक आधुनिक टूल किट प्रदान की जाएगी।

भारतीय कारीगरों ने भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमारे कपड़ों को खूबसूरती से सजाने वाले हाथ से बुने हुए कपड़ों के जटिल डिजाइनों से लेकर मिट्टी के बर्तनों तक जिनमें हमारा भोजन रखा जाता है, कारीगर हमारे रोजमर्रा के अस्तित्व पर अपनी अमिट छाप छोड़ते हैं। प्राचीन और मध्यकाल में कला और शिल्प में उत्कृष्टता की भूमि ओडिशा को उत्कल के नाम से भी जाना जाता है।

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